मानचित्र स्वीकृति अनिवार्य: विकास की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए सरकार के प्रयास
मानचित्र स्वीकृति अनिवार्य: विकास की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए सरकार के प्रयास
देहरादून, 13 जुलाई 2024 अब देहरादून में विकास प्राधिकरण क्षेत्रांतर्गत किसी भी प्रकार के विकास के लिए मानचित्र स्वीकृत कराना अनिवार्य होगा। आवास और शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने यह जानकारी दी है और बताया है कि सरकार इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है।
डॉ. अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गों सहित सभी स्थानीय निकायों के मार्गों के दोनों किनारों पर पर्वतीय क्षेत्रों में 50 मीटर और मैदानी क्षेत्रों में 100 मीटर की हवाई दूरी तक सभी प्रकार के निर्माणों के लिए मानचित्र स्वीकृति अनिवार्य की जाएगी। यह स्वीकृति उपाध्यक्ष स्तर पर होगी, जिससे प्रक्रिया सरल और त्वरित हो सकेगी।
स्वप्रमाणन और शपथ पत्र से मिलेगी राहत:
आवास मंत्री ने यह भी बताया कि छोटे भूखंडों और निम्न ऊंचाई वाले निर्माणों के लिए मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया को और भी सरल बनाया जा रहा है। ऐसे एकल आवासीय निर्माण जिनका भूखंड क्षेत्रफल 250 वर्ग मीटर तक और ऊंचाई 9 मीटर तक है, उनके मानचित्र स्वीकृति के लिए स्वप्रमाणन या शपथ पत्र पर्याप्त होंगे। इसी तरह, गैर एकल आवासीय निर्माण जिनका भूखंड क्षेत्रफल 50 वर्ग मीटर तक और ऊंचाई 6 मीटर तक है, उनके लिए भी यही प्रक्रिया लागू होगी।
छूट और सुविधाएं:
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि नए सम्मिलित क्षेत्रों में प्राधिकरण को प्राप्त होने पर विभिन्न शुल्कों में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। वर्ष 2016 के पूर्व के प्राधिकरण क्षेत्रों और विनियमित क्षेत्रों को इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, लेबर सेस अब प्राधिकरण द्वारा नहीं लिया जाएगा, बल्कि इसे आवेदक द्वारा सीधे श्रम विभाग में जमा करना होगा और इसकी सूचना प्राधिकरण को दी जाएगी।
निष्कर्ष:
सरकार के ये कदम देहरादून में विकास की प्रक्रिया को सुगम बनाने और तेजी से मंजूरी देने के उद्देश्य से उठाए गए हैं। आवास और शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि इन सुधारों से विकास कार्यों में तेजी आएगी और आम जनता को भी राहत मिलेगी।