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क्रय विक्रय आमदनी खर्चा का ज्ञान गणित में ही संभव है -डॉ एमपी सिंह

फरीदाबाद से ब्यूरो चीफ 

 हृदयेश कुमार की रिपोर्ट

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व गणितज्ञ डॉ एमपी सिंह ने एकलव्य इंस्टीट्यूट में अपने पदाधिकारियों और समाजसेवियों के साथ राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया डॉ एमपी सिंह ने बताया कि गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजम की जयंती के उपलक्ष में 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है इस दिन अनेकों प्रकार की रंगोली भाषण वाद विवाद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है डॉ एमपी सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय गणित दिवस मनाने की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी ने 26 फरवरी 2012 को की थी उसके बाद प्रतिवर्ष यह बड़ी ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है डॉ एमपी सिंह ने बताया कि रामानुजम बचपन से ही गणित में निपुण थे 12 वर्ष की उम्र में ही त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली थी और अनेकों थ्योरम को विकसित कर दिया था उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से महारत हासिल की और 1911 में इंडियन मैथमेटिक्स सोसायटी के जनरल में शोध पेपर पब्लिश किया डॉ एमपी सिंह ने बताया कि 1918 में संख्याओं के आधार पर रॉयल सोसायटी की फेलोशिप के रूप में चुना गया इस फलों के चुनाव में वे पहले भारतीय थे डॉ एमपी सिंह गणित के प्रोफेसर रहे हैं और अनेकों गणित की पुस्तकों को लिखा है जिसमें गणित जल्दी कैसे सीखे मुख्य पुस्तक है इसलिए उन्होंने कहा कि गणित एक व्यापक विषय है जो मानव जीवन के हर क्षेत्र में उपयोगी होता है डॉ एमपी सिंह ने बताया कि गणित के अध्ययन से छात्र-छात्राओं में समानता नियमित तथा क्रमबद्धता आती है मानव जीवन में हमेशा गणित का ही इस्तेमाल होता है खरीदारी रंगदारी देनदारी व्यापार आदि में गणित अत्यंत महत्वपूर्ण है खेलकूद का लेखा जोखा भी गणित द्वारा ही रखा जाता है इसलिए कहा जा सकता है कि आधुनिक युग में सभ्यता का आधार गणित है और गणित व्यापार का प्राण व विज्ञान का जन्मदाता है गणित जीवन के विभिन्न कार्यों को करने व सीखने मे मदद करता है गणित से एकाग्रता व आत्मविश्वास आता है गणित से मानसिक व बौद्धिक विकास होता है इसलिए गणित से डरना नहीं चाहिए बल्कि गणित में रुचि रखनी चाहिए l

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