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टिहरी में वन आरक्षियों का अनिश्चितकालीन धरना, पदोन्नति और नीतियों में सुधार की मांग

टिहरी में वन आरक्षियों का अनिश्चितकालीन धरना, पदोन्नति और नीतियों में सुधार की मांग

टिहरी : उत्तराखंड के टिहरी वन विभाग में वन आरक्षियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वन आरक्षी संघ का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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क्या हैं वन आरक्षियों की प्रमुख मांगें?

1. अधीनस्थ वन सेवा नियमावली 2016 को लागू करना:

वन आरक्षियों का कहना है कि इस नियमावली के तहत वन दरोगा के पद के लिए 100% पदोन्नति का प्रावधान था, लेकिन 15-18 वर्षों की सेवा के बावजूद उन्हें पदोन्नति नहीं मिल रही। दूसरी ओर, वही अधिकारी और लिपिक वर्ग इसी अवधि में 3 से 4 पदोन्नति प्राप्त कर लेते हैं।

2. वर्दी नियमों में संशोधन:

वन आरक्षी संघ ने मांग की है कि उनकी वर्दी में एक स्टार का प्रावधान किया जाए, जिससे उन्हें विशिष्ट पहचान और सम्मान मिले।

आंदोलन क्यों जरूरी?

वन आरक्षियों का आरोप है कि उनके हितों की अनदेखी हो रही हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते उनकी मांगों को नहीं माना गया, तो वे अपने विरोध प्रदर्शन को और उग्र करेंगे।

आगामी फायर सीजन से पहले बढ़ी चिंता

उत्तराखंड में 15 फरवरी से जंगलों में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। वन विभाग के लिए यह समय बेहद संवेदनशील होता है, क्योंकि वनों की सुरक्षा में वन आरक्षियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में उनका हड़ताल पर जाना वन विभाग के लिए चिंता का विषय बन सकता है।

वन आरक्षी संघ की चेतावनी

संघ के नेताओं ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। वे उच्च अधिकारियों से तुरंत संज्ञान लेने और समाधान निकालने की मांग कर रहे हैं।

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