Tehri Garhwalउत्तराखंड

रोजगार के लिए दर दर भटक रही पूर्व सैनिक की विधवा बेटी होनहार बेटे के अरमानों को कैसे लगाये पंख ।

रोजगार के लिए दर दर भटक रही पूर्व सैनिक की विधवा बेटी होनहार बेटे के अरमानों को कैसे लगाये पंख ।

विकासखंड चम्बा के कढूड गांव की विधवा श्रीमति शीला देवी रोजगार की तलाश में दर दर भटक रही है, 4 पुत्री व 1पुत्र की मां श्रीमती शीला देवी पर गमों का पहाड़ तब टूटा जब 2015 में उसके पति नेत्र सिंह असवाल का असामयिक निधन हो गया, उसके पति बेरोजगारी का दंश झेल रहे थे लेकिन मेहनत मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण हो रहा था , पति की मृत्यु के बाद चारों पुत्रियों व एक बेटे की पढ़ाई का भार भी शीला देवी मेहनत मजदूरी करके करने लगी , कर्जा लेकर दो लड़कियों की शादी कर चुकी शीला देवी के सामने अब तीनों बच्चों की पढ़ाई की चिंता है बड़ी बेटी कक्षा 11 में तथा छोटी बेटी कक्षा 4 में अध्ययनरत हैं जबकि बेटा देहरादून में एयरफोर्स की कोचिंग क्लास कर रहा है । गरीब शीला देवी को चिंता सता रही है कि बेटे को कोचिंग क्लास के लिए धनराशि कहां से भेजे । शीला देवी ने बताया कि बेटे के आवास,भोजन ,शिक्षण के लिए कम से कम 10 हजार रुपए कहां से भेजे, मेहनत मजदूरी करके परिवार का ही भरण पोषण हो रहा है ,वह बताती हैं कि उसके पिता स्व. बचनसिंह निवासी ग्राम केमवालगांव पूर्व सैनिक हैं तथा उसने पूर्व सैनिक आश्रित का प्रमाण पत्र बनाया है तथा उत्तराखंड भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम उपनल में 2020 में नाम दर्ज कराया है , उपनल के माध्यम से वह अब तक खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन,जिला कारागार, बहुउद्देशीय गंगा नदी घाटी समिति मुनिकीरेती , महाविद्यालय नई टिहरी,में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का साक्षात्कार दे चुकी है लेकिन नियुक्ति नहीं मिल पाई है,शीला देवी का कहना है कि उपनल के माध्यम से कहीं भी चौकीदार या निराई गुड़ाई श्रमिक का काम मिल जाता तो अपने बेटे की पढ़ाई का खर्चा भेजती अन्यथा उसे कोचिंग क्लास अधूरी छोड़कर वापस आना पड़ेगा । शीला देवी के सामने समस्या है कि बेटे के अरमानों को पंख कैसे लगाये ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button