राजकीय महाविद्यालय कमान्द में हिंदी दिवस धूमधाम से मनाया गया, “हिंदी की वर्तमान स्थिति: दशा-दिशा” पर हुई विचार गोष्ठी
राजकीय महाविद्यालय कमान्द में हिंदी दिवस धूमधाम से मनाया गया, "हिंदी की वर्तमान स्थिति: दशा-दिशा" पर हुई विचार गोष्ठी

राजकीय महाविद्यालय कमान्द में कल हिंदी विभाग के तत्वावधान में हिंदी दिवस बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर “हिंदी की वर्तमान स्थिति: दशा-दिशा” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका निर्देशन प्राचार्य डॉ. गौरी सेवक ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापकों और छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
विचार गोष्ठी की शुरुआत हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शीशपाल सिंह चौहान के वक्तव्य से हुई, जिन्होंने हिंदी की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. चौहान ने बताया कि 14 सितंबर को हिंदी दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1949 में संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। उन्होंने भारत की भाषाई विविधता का उल्लेख करते हुए बताया कि देश में 19500 मातृभाषाएं बोली जाती हैं, जिनमें से 121 भाषाओं को 10,000 से अधिक लोग बोलते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हिंदी भाषा आज न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रही है। विश्व हिंदी दिवस, जो हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है, का उद्देश्य हिंदी के वैश्विक प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है।
गोष्ठी में आगे डॉ. बिना जोशी और डॉ. प्रवीन मालिक ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने हिंदी के राजभाषा के रूप में महत्व और इसके वैश्विक प्रसार पर चर्चा की। दोनों ने छात्रों को हिंदी भाषा के प्रति जागरूक और प्रेरित किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापकों में डॉ. बीना रानी जोशी, डॉ. परवीन मालिक, डॉ. शीशपाल सिंह चौहान, और कर्मचारीगण में सोहन सिंह रावत, कुलदीप कठैत, श्री दिनेश कुमार, श्रीमती प्रभा देवी, श्री संजय बाधानी, अंकित सहित सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।