उत्तराखंड में हरेला पर्व, वृक्षारोपण के लिए राज्यव्यापी जन आंदोलन का आयोजन, मुख्य सचिव ने दिए जिलाधिकारियों को ये निर्देश
उत्तराखंड में हरेला पर्व, वृक्षारोपण के लिए राज्यव्यापी जन आंदोलन का आयोजन, मुख्य सचिव ने दिए जिलाधिकारियों को ये निर्देश

उत्तराखंड में हरेला पर्व को इस बार व्यापक जन आंदोलन के रूप में मनाया जाएगा। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को ठोस एक्शन प्लान तैयार करने और वृक्षारोपण के लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वृक्षारोपण का दस्तावेजीकरण अनिवार्य रूप से करने का निर्देश भी दिया है, जो मुख्यमंत्री की अपेक्षाओं के अनुरूप है।
बुधवार को सचिवालय में हुई बैठक में, मुख्य सचिव ने वृक्षारोपण के लिए पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, और 2 वर्ष से अधिक उम्र के पौधों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सड़कों के किनारे बांस के पौधों का वृक्षारोपण करने का सुझाव भी दिया।
जिलाधिकारियों को अतिक्रमण हटाने के बाद वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करने और शहरी क्षेत्रों में नगर वन विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम पंचायत की बैठकों के दौरान वृक्षारोपण के कार्यक्रम आयोजित करने पर भी जोर दिया गया है।
इस वर्ष हरेला पर्व की थीम “पर्यावरण की रखवाली, घर-घर हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली” रखी गई है। वृक्षारोपण से फलदार और चारा प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाएगा।
हरेला अभियान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विद्यार्थियों, स्थानीय निकायों, जिला विकास प्राधिकरणों, वन पंचायतों और आम जनता की सक्रिय भागीदारी होगी। इस अभियान के तहत “EK Ped Maa Ke Naam” हैशटैग का प्रयोग किया जाएगा, जिसे भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रचारित किया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि देहरादून जिले ने 10 लाख से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा है, जबकि हरिद्वार ने 2 लाख से अधिक पौधे रोपने का संकल्प लिया है। राज्य में मानसून की बारिश शुरू होने से वन विभाग द्वारा फील्ड स्तर पर वृक्षारोपण का कार्य प्रारंभ हो चुका है, जिसमें लगभग 20 प्रतिशत वृक्षारोपण पहले ही पूरा कर लिया गया है।
विभागीय वृक्षारोपण के अतिरिक्त, जिला स्तर पर गठित समितियों के साथ बैठक कर स्थलों का चयन और पौधों की तैयारी पूरी कर ली गई है। वृक्षारोपण की प्रगति साप्ताहिक रूप से Merilife.nic.in पोर्टल पर दर्ज की जाएगी और वृक्षारोपण स्थलों के फोटोग्राफ भी अपलोड किए जाएंगे।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री रमेश कुमार सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक, अपर प्रमुख वन संरक्षक, अपर सचिव श्री विनीत कुमार और सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।
हरेला पर्व के इस विशेष आयोजन से न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होगी, बल्कि राज्य में हरियाली और खुशहाली का भी संदेश जाएगा। वृक्षारोपण का यह महत्त्वपूर्ण कदम उत्तराखंड को एक हरित प्रदेश बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।