उत्तराखंड कांग्रेस में विधानसभा चुनाव में मिली हार के कारणों की तलाश को लेकर दो दिवसीय समीक्षा बैठक शुर हो गई है। कांग्रेस भवन में पर्यवेक्षक अविनाश पांडेय और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव विधानसभावार समीक्षा कर रहे है। साफ है कि कांग्रेस संगठन ने 2017 के मुकाबले अपनी सीटों में इज़ाफा जरूर किया।
लेकिन सत्ता में आने से चूक गई है, जिसके बाद से ही संगठन के भीतर की लड़ाई खुलकर सामने आई और एक के बाद एक बड़े नेताओं ने बयानबाजी करने का काम किया है। वहीं तमाम आरोप और हार की समीक्षा को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय को पर्यवेक्षक की भूमिका में भेजा है। जो प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के साथ बैठकर विधानसभा वार समीक्षा कर रहे है। वहीं पर्यवेक्षक के सामने पक्ष रखने के बाद बाहर आए धारचूला विधायक हरीश धामी ने खुलकर चुनाव में हुई भीतरघात और भविष्य के चुनाव को लेकर अपनी बात कही है।
साथ ही युवाओं को संगठन में प्रतिनिधित्व देने की वकालत भी धामी ने कही। दूसरी बड़ी बात जो विधायक धामी की तरफ से कही गई है वो है राजनेतिक हत्या करने का आरोप। विधायक हरीश धामी का कहना है की प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को चुनाव में खुला हाथ नही दिया गया, साथ में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी नामांकन करने जाते समय फोन पर लालकुआं सीट से चुनाव लड़ने के लिए बोला गया। सीधा सा मतलब है कि दोनो ही वरिष्ठ नेताओं की राजनेतिक हत्या यहां पर की गई है।