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तीन दशक बीतने के बावजूद सरकारी आवासों में चल रहे शहर के चार स्कूल पूल्ड हाउस के बीच स्कूल संचालित होने से सुरक्षा और पढ़ाई पर पडता है प्रतिकूल प्रभाव

तीन दशक बीतने के बावजूद सरकारी आवासों में चल रहे शहर के चार स्कूल पूल्ड हाउस के बीच स्कूल संचालित होने से सुरक्षा और पढ़ाई पर पडता है प्रतिकूल प्रभाव

नई टिहरी, मुकेश रतूड़ी, मास्टर प्लॉन शहर नई टिहरी में स्थित पूल्ड हाउस में कई सरकारी विद्यालय संचालित हो रहे हैं। जिस कारण छात्र-छात्राओं और कालोनी निवासियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। सरकारी कालोनियों के बीच चल रहे इन स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा भी बड़ा मुद्दा है। स्थानीय लोग लंबे समय से इन स्कूलों को शिफ्ट करने की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन शिक्षा विभाग ने इस संबंध में अभी तक कोई प्रस्ताव शासन को नहीं भेजा है।

1990 के दौर में टिहरी शहर के विस्थापन की एवज में पुनर्वासित शहर नई टिहरी बसाया गया। नई टिहरी में तत्कालीन पुरानी टिहरी में स्थित सभी सरकारी कार्यालय, सामुदायिक भवनों के बदले प्लॉट, फ्लैट और कार्यालय आवंटित किए गए। अस्थाई व्यवस्था के लिए शहर में चार बेसिक स्कूल सरकारी कालोनियों/पूल्ड हाउस डी. ब्लॉक, जी. ब्लॉक, जे. ब्लॉक और मोलधार में छात्र-छात्राओं के लिए सरकारी बेसिक स्कूलों का संचालन शुरू हुआ। इसके अतिरिक्त कई विभागों के कार्यालय भी पूल्ड हाउस में बनाए गए। धीरे-धीरे शहर में जनसंख्या बढ़ी। विभागों ने अपने कार्यालयों को शिफ्ट कर दिया। लेकिन तीन दशक बीतने के बावजूद इन स्कूलों को सरकारी कालोनियों से शिफ्ट नहीं किया जा सका। कालोनियों के भीतर संचालित इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा, पढ़ाई का वातावरण नहीं बन पाता है। एक ही बल्डिंग के भूतल पर जहां स्कूल संचालित है, वहीं पहली और दूसरी मंजिल पर विभिन्न विभागों के कार्मिकों के परिवार निवासरत हैं। छात्र-छात्राओं के साथ-साथ कालोनी के लोगों भी स्कूल संचालन से दिक्कत होती है। स्थानीय निवासी सतीश कुमार, अभिषेक सिंह, शीला देवी, विनोद प्रसाद का कहना है कि एक ही बल्डिंग में स्कूल और कर्मचारियों के आवास होने से कई परेशानी उठानी पड़ती है। सरकार को चाहिए कि इन स्कूलों के लिए नए भवन बनाए। इस बाबत डीएम इवा आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि इन स्कूलों के भवन बनने के प्रस्ताव की जानकारी नहीं है। डीईओ बेसिक से रिपोर्ट मांगी जाएगी। मामले में शासन को भी पत्राचार किया जाएगा।

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