
देहरादून के आईएसबीटी बस स्टैंड पर एक 16 वर्षीय मानसिक रूप से विक्षिप्त नाबालिग किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस घृणित अपराध की जानकारी मिलते ही उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, कुसुम कण्डवाल ने मामले को गंभीरता से लिया और शनिवार सुबह 6:30 बजे राजकीय बालिका निकेतन/किशोरी गृह पहुंचकर पीड़िता से मुलाकात की।
महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने देहरादून के एसएसपी अजय सिंह के साथ मिलकर पीड़िता से घटना की पूरी जानकारी ली। इसके बाद, एसएसपी अजय सिंह ने पीड़िता को तस्वीरों के माध्यम से आरोपियों की पहचान करवाई। अध्यक्ष ने एसएसपी को निर्देश दिए कि इस जघन्य अपराध में शामिल सभी दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
घटना का खुलासा:
घटना 13 अगस्त की रात की है जब आईएसबीटी में तैनात एक गार्ड ने बदहवास हालत में किशोरी को देखा और इसकी सूचना चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) को दी। CWC की टीम ने तुरंत किशोरी को रेस्क्यू किया और उसकी काउंसलिंग के बाद इस भयावह घटना का खुलासा हुआ। किशोरी के बयान के आधार पर पुलिस ने दो बसों को अपने कब्जे में लिया है जो इस अपराध में इस्तेमाल हुई थीं।
न्याय की मांग:
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पीड़िता का मजिस्ट्रियल बयान दर्ज किया जा चुका है और उसका मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है। सभी साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं और मामले की गहनता से जांच की जा रही है। पीड़िता के परिवार से संपर्क करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
कुसुम कण्डवाल ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। पुलिस और CWC द्वारा मामले में शीघ्रता से कार्रवाई की जा रही है, और सभी आरोपियों को कानून के कठघरे में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील मामले में कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए देहरादून के एसएसपी अजय सिंह, सीओ प्रेमनगर रीना राठौर, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, और बाल कल्याण समिति के सदस्य भी मौके पर मौजूद रहे।
पूरे राज्य में इस घटना को लेकर आक्रोश व्याप्त है और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। महिला आयोग और पुलिस द्वारा की जा रही त्वरित कार्रवाई ने यह सुनिश्चित किया है कि पीड़िता को न्याय मिलेगा और अपराधियों को उनके कृत्य की सजा दी जाएगी।