नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पार्टी के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह निर्णय शीर्ष नेतृत्व लेगा। हरीश रावत पार्टी के वरिष्ठ नेता है, उन्होंने जो कहा उस पर वह टिप्पणी नहीं करेंगे। चुनाव से पहले केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया था कि प्रदेश में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा।शुक्रवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद शीर्ष नेतृत्व व कांग्रेस विधानमंडल यह तय करेगा कि किसे जिम्मेदारी सौंपी जाए। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की अपनी इच्छा होती है मगर जब दल में होते हैं तो निर्णय शीर्ष नेतृत्व लेता है। प्रदेश में कम मतदान के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जनता अपने मत के आधार पर सरकार बनाती है। इस बार मतदान थोड़ा कम हुआ है।
उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे व्यक्तियों ने जिस प्रकार के वादे जनता से किए, वे उन्हें पूरा नहीं कर पाए। चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान जब कांग्रेस जनता के बीच गई तो रुझान से यह साफ नजर आ रहा था कि जनता परिवर्तन चाह रही है। राज्य में परिर्वतन हो रहा है, कांग्रेस 45 से अधिक सीटें ला रही है। भाजपा विधायकों द्वारा दिए जा रहे बयानों पर उन्होंने कहा कि भाजपा में चीजें पहले भी सामान्य नहीं थी, चुनाव के दौरान भी यही स्थिति रही। अब उनके विधायक कह रहे हैं कि उन्हें हराने का काम किया गया। वे अब हार भी स्वीकार रहे हैं।पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस 40 से अधिक सीटें जीत कर सरकार बना रही है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का क्रेज बरकरार है। हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनने संबंधी बयान पर हरक ने कहा कि इस वक्त पूरी कांग्रेस केवल बहुमत की सरकार बनाने की दिशा में काम कर रही है। ऐसे में किसी भी नेता को इस तरह के बयान से बचना चाहिए।