उत्तराखंड विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं ने टिकट कटने से नाराज होकर दल बदलना ऐसा शुरु किया कि जनता भी कन्फ्यूज हो गई कि आखिर वोट किसे दें। जो मन चाहा प्रत्याशी था उसने पार्टी बदल ली जिसे वो वोट नहीं देना चाहते तो किसी ने एक महीने में इतनी पार्टियां बदली कि सबको लगा इनको कौन टिकट देगा लेकिन उस प्रत्याशी को टिकट दिया और सबको हैरान कर दिया।
26 दिन में ही तीसरी बार पार्टी बदली, फिर भी टिकट किया अपने नाम
जी हां हम बात कर रहे हैं नैनीताल आप के प्रत्याशी हेम आर्य की जिन्होंने चुनाव लड़ने के लिए 26 दिन में ही तीसरी बार पार्टी बदली। फिर भी वो टिकट अपने नाम कर गए। अबआप ने उन्हें नैनीताल विधानसभा सीट से टिकट दिया है। कल उन्होंने नामांकन कराया। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में हेम आर्य ने भाजपा के टिकट पर नैनीताल से चुनाव लड़ा था। तब वो कांग्रेस प्रत्याशी सरिता आर्य से करीब 5 हजार वोटों के अंतर से हार गए थे। 2017 में भाजपा से उनका टिकट कट गया। तब भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए संजीव आर्य को उन पर तरजीह दी। इस पर हेम आर्य निर्दलीय चुनाव लड़े, पर हार गए। चुनाव के बाद हेम कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 5 साल वह कांग्रेस में रहे। फिर संजीव आर्य कांग्रेस में आए तो हेम आर्य का टिकट कट गया।
संजीव आर्य के आने से बढ़ी टेंशन
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले संजीव आर्य के पिता संग भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आने से हेम आर्य की टेंशन बढ़ गई।ये देख हेम आर्य भाजपा में चले गए। उन्हें टिकट का मजबूत दावेदार भी माना जा रहा था।लेकिन अचानक महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य भाजपा में आ गईं। भाजपा ने भी हेम की बजाय सरिता आर्य को टिकट दे दिया। इसके बाद से हेम आर्य बागी हो गए और उन्हें आप का दामन थामा।
भाजपा में वापसी के महज 26 दिन बाद ही हेम आर्य ने टिकट न मिलने के विरोध में शुक्रवार को फिर पार्टी छोड़ दी और आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। इसके साथ ही आप ने उन्हें नैनीताल सीट से अपना प्रत्याशी बनाया और हेम ने शुक्रवार को ही नामांकन भी कर दिया।