उत्तराखंड से आज की सबसे बड़ी खबर। उत्तराखंड में अब स्कूली बच्चों को गीता, वेद और उपनिषद भी पढ़ाया जाएगा। सरकार इस संबंध में तैयारी कर रही है। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने ये जानकारी दी है।
शनिवार को बाल सरंक्षण आयोग के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे मंत्री धन सिंह रावत ने कहा है कि भविष्य में विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रम में वेद, उपनिषद और गीता को शामिल करने का प्रयास किया जायेगा, जिसके लिए आम लोगों से सुझाव आमंत्रित किये जायेंगे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि किसी भी परीक्षा से पूर्व बच्चों को मनोवैज्ञानिक परामर्श दिया जाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए अभिभावकों को भी जागरूक करना होगा।
बच्चों को समझाना होगा कि परीक्षा एक उत्सव है, लिहाजा किसी भी परीक्षा को एक पर्व की तरह लिया जाना चाहिए। इसके अलावा सेमेस्टर अथवा वार्षिक परीक्षाओं से पूर्व प्रत्येक माह मासिक परीक्षाओं का आयोजन कर बच्चों को मुख्य परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाय। प्रत्येक विद्यालय में पीटीए के गठन को भी अनिवार्य रूप से लागू किया जाना चाहिए। यह बात सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा दून विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित परीक्षा पर्व-4 कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम से देशभर के लाखों बच्चों का मनोबल बढ़ा है।
मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि इसी प्रकार प्रदेश में भी परीक्षा से पूर्व तनाव को दूर करने के लिए बच्चों को मनोवैज्ञानिक परामर्श दिया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए अध्यापकों एवं अभिभावकों को अपने-अपने स्तर से प्रयास करने चाहिए, ताकि बच्चे परीक्षा को एक उत्सव समझकर प्रतिभाग कर सके। इसके अलावा सेमेस्टर अथवा वार्षिक परीक्षाओं से पूर्व प्रत्येक माह मासिक परीक्षाओं का आयोजन कर बच्चों को मुख्य परीक्षाओं के लिए तैयार किया जायेगा। डॉ. रावत ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग में शिकायतों के बढ़ते प्रकरणों के बोझ को कम करने के लिए एक समन्वय समिति के गठन किये जाने पर बल दिया। यही नहीं उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तर पर भी बच्चों को मनोवैज्ञानिक परामर्श दिये जाने की व्यवस्था होनी चाहिए, जिसमें आयोग के सदस्य अहम भूमिका निभा सकते हैं।