उत्तराखंड

बड़ी खबर : शासन ने जारी किया ये बड़ा आदेश, देखिए आदेश…

उपर्युक्त विषयक शासनादेश संख्या-11/XXVII ( 7)30-14/2017 दिनांक 17 फरवरी, 2017 सपठित शासनादेश संख्या-65/XXVII (7) / 18-50(09)/2018 दिनांक 09 मार्च, 2019 एवं शासनादेश संख्या-05/XXVII(7) /50(09)/2018 दिनांक 06 जनवरी, 2022 का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें।

2. इस सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि शासनादेश दिनांक 17 फरवरी 2017 के संलग्नक के बिन्दु संख्या-17 में उपबन्धित व्यवस्था के सम्बन्ध में सम्यक् विचारोपरान्त लिये गये निर्णय के क्रम में संशोधित व्यवस्था लागू किये जाने हेतु निर्गत शासनादेश संख्या – 05/XXVII (7) /50(09)/2018 दिनांक 06 जनवरी, 2022 को अधिकमित करते हुए शासनादेश संख्या-11/XXVII (7) 30-14/2017 दिनांक 17 फरवरी, 2017 के संलग्नक के बिन्दु संख्या-17 में उपबन्धित व्यवस्था को निम्नवत् संशोधित किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते है:-

“एम.ए.सी.पी. की व्यवस्था के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु वित्तीय स्तरोन्नयन की देय तिथि से पीछे की 05 वर्षों की वार्षिक प्रविष्टियां देखी जायेंगी। यदि किसी वर्ष की वार्षिक प्रविष्टी ‘उत्तम’ से न्यून हो तो उस वर्ष को अर्हता हेतु गणना में सम्मिलित नहीं किया जायेगा। ऐसी दशा में एम.ए.सी.पी. की देयता की तिथि से अगले वित्तीय वर्ष / वर्षों में उत्तम वार्षिक प्रविष्टि का मानक पूर्ण होने पर ही वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ देय होगा।”

3. यह व्यवस्था दिनांक 01-01-2017 से प्रभावी होगी। तद्नुसार ऐसे समस्त प्रकरण जिनमें कार्मिकों को उक्तानुसार संशोधित व्यवस्था के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन दिनांक

01-01-2017 को / के पश्चात् अनुमन्य है, के सम्बन्ध में विभागीय स्क्रीनिंग कमेटी की संस्तुति के अनुसार यथाप्रक्रिया अग्रेतर कार्यवाही कर ली जाय।

4. शासनादेश संख्या-11/XXVII (7)30-14/2017 दिनांक 17 फरवरी, 2017 सपठित शासनादेश संख्या-65/XXVII(7) 18-50 (09)/2018 दिनांक 09 मार्च, 2019 को उक्त सीमा तक संशोधित समझा जाय। शेष शर्ते यथावत् लागू रहेंगी

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