टिहरी से बड़ी खबर : ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी छलांग, भारतीय ग्रिड से जल्द जूडेंगी टिहरी पीएसपी की शेष दो यूनिटें
टिहरी से बड़ी खबर : ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी छलांग, भारतीय ग्रिड से जल्द जूडेंगी टिहरी पीएसपी की शेष दो यूनिटें

टिहरी। देश की पहली वेरिएबल पंप स्टोरेज परियोजना (पीएसपी) टिहरी का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। 1000 मेगावाट की इस परियोजना की चार यूनिटों में से दो यूनिटें पहले ही सफलतापूर्वक भारतीय ग्रिड से जुड़कर वाणिज्यिक उत्पादन कर रही हैं, जबकि शेष दो यूनिटों को भी जल्द ग्रिड से जोड़ दिया जाएगा।
आज सोमवार को कोटी कॉलोनी अतिथि गृह में आयोजित प्रेसवार्ता में टीएचडीसी टिहरी कॉम्प्लेक्स के मुख्य महाप्रबंधक एम.के. सिंह ने बताया कि टिहरी पीएसपी देश के ऊर्जा क्षेत्र के लिए गेमचेंजर साबित होगी। यह न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों दृष्टियों से अत्यंत महत्वपूर्ण है। परियोजना भारत को कोयले पर निर्भरता कम करने, कार्बन उत्सर्जन घटाने और नवीकरणीय ऊर्जा को स्थिरता देने में अहम योगदान देगी।
उन्होंने बताया कि पंप स्टोरेज तकनीक बिजली की मांग के अनुसार ऊर्जा को स्टोर और रिलीज करने की क्षमता देती है, जिससे ग्रिड बैलेंसिंग और स्थिरता मजबूत होगी। पीएसपी परियोजना ‘वॉटर बैटरी’ की तरह काम करती है, जिसमें ऊपरी और निचले जलाशयों के बीच समान पानी का चक्रण होता है और प्राकृतिक जल संसाधनों की कोई अतिरिक्त खपत नहीं होती। इसलिए किसानों या सिंचाई पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
परियोजना से स्थानीय स्तर पर भी बड़ा आर्थिक प्रभाव देखने को मिला है। निर्माण कार्यों से आसपास के क्षेत्रों में परिवहन, आवास, सामग्री आपूर्ति और सेवाओं से जुड़े व्यवसायों को बढ़ावा मिला है और हजारों लोगों को सीधे–अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ है।
एम.के. सिंह ने बताया कि पीएसपी के पूर्ण होने पर उत्तरी भारत की विद्युत क्षमता में 1000 मेगावाट की बढ़ोतरी होगी। अब तक परियोजना पर लगभग 8000 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। वर्तमान में चल रही दो यूनिटों से टीएचडीसी को प्रतिदिन प्रति यूनिट लगभग एक करोड़ रुपये का राजस्व मिल रहा है।
प्रेसवार्ता में महाप्रबंधक पीएसपी ए.के. साहू, उपमहाप्रबंधक एचआर मोहन सिंह श्रीसवाल, उपमहाप्रबंधक आशीष ममगाईं, प्रबंधक जनसंपर्क मनवीर सिंह नेगी, प्रबंधक दीपक उनियाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


