बड़ी खबर : सीएम धामी ने लिया बड़ा फैसला, किया ये प्रबंध
उत्तराखंड में ड्रग्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री के निर्दश पर पुलिस ने राज्य में ड्रग्स के खिलाफ बड़े अभियान के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) और नारको कोऑर्डिनेशन सेंटर (NCORD) का गठन कर दिया है। NCORD के अंडर में गढ़वाल और कुमाऊं में अलग अलग ANTF काम करेगी।
प्रदेश स्तर पर अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक अपराध का0 व्यवस्था के अधीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ नोडल अधिकारी होंगे l जबकि जनपद स्तर पर वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक के अधीन पुलिस अधीक्षक अपराध /पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन नोडल अधिकारी होंगेl थाना स्तर पर थाना प्रभारी नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे l एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स हेतु पुलिस विभाग में उपलब्ध कार्मिकों से ही चयन किया जायेगा। राज्य स्तर पर गठित ANTF राज्य सरकार एवं एन0सी0बी0 की विभिन्न स्तरों पर होने वाली बैठकों में NDPS अधिनियम,1985 से सम्बन्धित आंकडे़/सूचनायें सहित प्रतिभाग करेगी। यह जनपदों में स्थापित विभिन्न नशामुक्ति केन्द्रों के प्रतिनिधियों से समन्वय बनाकर उन केन्द्रों का नियमित रूप से भौतिक सत्यापन व मादक पदार्थों के बिक्रय और आपूर्ति करने वालों के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करेगी। यह फोर्स मा0 न्यायालयों द्वारा मादक द्रव्यों की रोकथाम हेतु दिये गये आदेशों एवं निर्णयों का समस्त जिलों से अनुपालन करवाने हेतु समन्वय बनायेगी।
राज्य एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) एन0डी0पी0एस0 एक्ट 1985 (यथा संशोधित) से सम्बन्धित अपराधियों के डोजियर (आपराधिक इतिहास) तैयार कर उक्त अधिनियम के अन्तर्गत निरुद्ध अभियुक्तों की सूचना संकलित कर सूची बनायेगी। ड्रग्स सम्बन्धी अपराधों से सम्बन्धित अभिसूचनाओं का संकलन, अभिलेखीकरण, विश्लेषण तथा उन पर ठोस कार्यवाही करेगी। इसके अतिरिक्त यह फोर्स अपराध में लिप्त प्रमुख माफिया सरगनाओं की सम्पत्ति जब्त एवं समय-समय पर नियन्त्रण एवं प्रशासक, भारत सरकार से समन्वय करेगी। केन्द्र एवं राज्य स्तरीय अन्य विभागों एवं नशामुक्ति केन्द्रों से मादक द्रव्यों की रोकथाम हेतु समन्वय स्थापित करना और आंतकवादियों द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम की कार्यवाही करना होगा।
इससे नशा तस्करों पर प्रभावी कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। सभी जिलों में नशामुक्ति केंद्रों के प्रतिनिधियों से समन्वय बनाकर इनकी नियमित चेकिंग भी टास्क फोर्स करेगी। एनटीएफ पुराने सभी अपराधियों और ड्रग्स तस्करों का आपराधिक इतिहास तैयार करेगी। यदि जरूरत होगी तो पाबंद भी करने का काम फोर्स के जिम्मे होगा। बताया कि यह फोर्स ड्रग्स तस्करी में लिप्त लोगों की संपत्तियों को भी जब्त कर सकेगी। केंद्र और राज्य स्तरीय अन्य विभागों और नशा मुक्ति केंद्रों से समन्वय स्थापित कर मादक पदार्थों की रोकथाम करना ही इस टास्क फोर्स का सबसे अहम काम होगा।
शिक्षण संस्थानों पर भी रहेगा फोकस
डीजीपी ने बताया कि वर्तमान में नशा तस्करी करने वालों ने शिक्षण संस्थानों को मकड़जाल में फंसाया हुआ है। ऐसे में जरूरी है कि इस जाल को तोड़ा जाए। इसके लिए शिक्षण संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके अलावा इन संस्थानों के पास इंटेलीजेंस को भी सक्रिय किया जाएगा, ताकि जो लोग इन्हें टार्गेट बनाते हैं, उन तक आसानी से पहुंचा जा सके।
एएनटीएफ कर्मियों पर भी रहेगी नजर
एनकॉर्ड सचिवालय की तरह काम करेगा। इसका सेंटर एसटीएफ कार्यालय में होगा। यह कई स्तरों पर लिए गए निर्णयों की समीक्षा करेगा। इसके अलावा पारदर्शिता बनाने के लिए एएनटीएफ में नियुक्त कर्मचारियों पर भी नजर रखेगा। यदि उनकी अपराधियों के साथ संलिप्तता पाई जाती है, तो कार्रवाई की जाएगी। हर माह पुलिस महानिदेशक एएनटीएफ और एनकॉर्ड के कार्यों की समीक्षा करेंगे।