टिहरी झील में भारी मात्रा में तैर रहे हैं सड़े-गले पेड़-पौधों के अलावा मृत पशुओं के शव, पंपिंग योजना के इसी पानी से होती है नई टिहरी में पेयजल आपूर्ति
टिहरी झील में भारी मात्रा में तैर रहे हैं सड़े-गले पेड़-पौधों के अलावा मृत पशुओं के शव, पंपिंग योजना के इसी पानी से होती है नई टिहरी में पेयजल आपूर्ति
नई टिहरी, (मुकेश रतूड़ी) टिहरी बांध की झील में इन दिनों बरसात के कारण गंदगी और मृत पशुओं के शव तैरते दिखाई दे रहे हैं। जिस कारण बोट संचालकों को जहां दिक्कत उठानी पड़ रही है। वहीं नई टिहरी पंपिंग योजना का पानी भी रेत और मिट्टी युक्त आपूर्ति हो रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन और टीएचडीसी से झील की सफाई कराने की मांग की है।
बरसात के सीजन में आजकल टिहरी बांध की झील का पानी बहुत गंदा हो गया है। झील में सड़े-गले पेड़-पौधों के अलावा मृत पशुओं के शव, प्लास्टिक, भारी मात्रा में कचरा तैरता दिखाई दे रहा है। झील में गंदगी के कारण बोट संचालकों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। कई बार कचरा, गंदगी बोट के इंजन से टकरा जाता है। जिस कारण बोट के इंजन का नुकसार पहुंच रहा है। यह बड़ी दुर्घटनाओं का भी न्यौता दे रहा है। टिहरी बांध की झील से ही जीरो प्वाइंट की ओर नई टिहरी पंपिंग योजना बनी है। यहां से नई टिहरी सहित कोटी कालोनी, बीपुरम, सारज्यूला पट्टी के गांवों का पेयजल आपूर्ति होती है। लेकिन झील में आ रही रेत, बजरी, मिट्टी और गंदगी भी पंपिंग हो रही है। जिससे लोगों को दिक्कत हो रही है। उत्तरायणी भागीरथी विकास समिति के अध्यक्ष कुलदीप पंवार, दिनेश पंवार, दिनेश रावत आदि का कहना है कि टिहरी झील में इस सीजन में सबसे ज्यादा गंदगी तैरती उन्होंने देखी है। तिवाडग़ांव, डोबरा, स्यांसू, भल्डियाणा, चिन्यालीसौड़ की ओर झील में मृत पशुओं के शव, जूते-चप्पल, कूड़ा-करकट, प्लास्टिक की बोतलें तैरती हुई दिखाई देते हैं। बताया कि झील रोजगार के साथ-साथ आस्था का भी केंद्र है। इसी पानी को नई टिहरी और आसपास क्षेत्र के लोग पीते हैं। ऐसे में झील की नियमित सफाई की जानी चाहिए। ताकि लोगों को गंदा पानी सप्लाई न हो।
इनका क्या है कहना-
टिहरी झील में गंदगी की सूचना मिली है। इसकी विभाग से जांच कराई जा रही है। 2006 में जलाशय बनने के बाद पहली बार इस तरह की सूचना मिली है। बहरहाल झील को साफ करने के भी निर्देश दिए हैं।
-यूके सक्सेना, ईडी टीएचडीसी।
वही टिहरी जल संस्थान के अधिशासी अभियंता का कहना है कि टिहरी झील से नई टिहरी में पानी की आपूर्ति नहीं होती है ।नई टिहरी में कोटेश्वर झील से पानी की आपूर्ति होती है और वहां पर नियमित सफाई होती है।