बड़ी खबर : उत्तराखंड शिक्षा विभाग में भी गजब होता हैं, देखिए अब ये मामला आया सामने
शिक्षा निदेशालय के आदेश आने से पहले ही मुख्य शिक्षा अधिकारी ने माध्यमिक स्कूलों में वार्षिक गृह परीक्षाएं सात मार्च से कराए जाने की तिथि घोषित कर दी, जबकि शिक्षा निदेशालय ने वार्षिक गृह परीक्षाएं 14 मार्च से कराने के आदेश दिए हैं। वहीं, जिला शिक्षा विभाग ने निदेशालय के बिना निर्देशन प्राप्त किए जिला स्तर पर ही प्रश्नपत्र छपवा दिए।इस कारण अब इन प्रश्नपत्रों को खपाने के लिए जिला शिक्षा विभाग सात मार्च से ही गृह परीक्षाएं कराने के अलग- अलग तर्क देकर सफाई देने में लगा है।
इधर, परीक्षाएं होने की तिथि कौन सी निर्धारित होगी, इसको लेकर शिक्षकों और विद्यार्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। तिथि बदलकर सात मार्च से निर्धारित कर दी, बोर्ड परीक्षाओं से पहले माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा छह, सात, आठ और नौ के अलावा कक्षा 11 के विद्यार्थियों की वार्षिक गृह परीक्षाएं कराई जानी है। इसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारियों ने पहले 26 फरवरी से गृह परीक्षाएं कराने की बात कही, इसके बाद फिर इस तिथि को बदलकर सात मार्च से निर्धारित कर बाकायदा परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया गयाजिला शिक्षा अधिकारियों ने आनन फानन में जिला स्तर पर गृह परीक्षाओं के प्रश्नपत्र भी बिना निदेशालय की सहमति के तैयार करवा दिए।
अब शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी की ओर से आदेश दिए हैं कि प्रदेश में सभी माध्यमिक स्कूलों में 14 मार्च से एक साथ गृह परीक्षाएं शुरू होंगी जो कि 26 मार्च तक चलेंगी।
जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी हुए परेशान
गृह परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों की सीडी बनाकर एससीआरटी से ही सभी जिलों में भेजी जाएगी तथा प्रश्नपत्र प्रिंट कराकर उनसे ही परीक्षाएं होंगी। निदेशालय के इस आदेश को लेकर जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी परेशान हो गए हैं तथा सफाई देने में लग गए हैं।