नई टिहरी, टिहरी बांध प्रभावित तिवाड़ गांव की समस्याएं हल न होने पर ग्रामीणों के 6 सितम्बर से प्रस्तावित आंदोलन को सफल बनाने के लिए उत्तरायणी भागीरथी समिति के शुक्रवार सायं को गांव में बैठक की। कहा कि टिहरी बांध के कारण अन्य गांवों कों जमीन के बदले जमीन और अन्य सुविधाएं टीएचडीसी ने मुहैया करवाई है, लेकिन तिवाड़ गांव की समस्याएं जस की तस बनी हुई है। कहा कि झील में डूबी ग्रामीणों की जमीन का जल्द मुआवजा नहीं दिया गया तो वह झील किनारे क्रमिक अनशन शुरू करेंगे।
तिवाड़ गांव के लोगों ने शासन-प्रशासन और टीएचडीसी पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। समिति के अध्यक्ष कुलदीप पंवार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि 15 सालों से वह मुआवजा और जमीन के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। पुनर्वास और टीएचडीसी उनके प्रकरण को लटकाना चाहता है। पुनर्वास नीति के प्रावधान लागू न होने से ग्रामीणाों को भारी समस्या उठानी पड़ रही हैं। कहा कि उनकी जमीन झील में डूब चुकी है, जिस कारण वह खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में उनकी ज्वलंत समस्याओं को हल किया जाना चाहिए। टिहरी बांध से टीएचडीसी करोड़ों रूपये का राजस्व कमा रही है। साथ ही भारत सरकार और उत्तराखंड को भी लाभ मिल रहा है। लेकिन ग्रामीण परेशान हैं। 6 सितम्बर से झील किनारे ग्रामीण क्रमिक अनशन शुरू करेंगे। इस मौके पर समिति के सचिव दिनेश पंवार, बालम पंवार, ग्राम प्रधान संगीता देवी, विंनोद रावत, नरेंद्र रावत, विजयपाल नेगी, कमल पंवार, मंगल पुंडीर, मदन मोहन कंसवाल, बीरा देवी, जगदेई, पुष्पा देवी, उषा देवी, साब सिंह, जगदीप, आशीष डंगवाल, अनिल, दलेब सिंह, प्रीतम सिंह मौजूद थे।