उत्तराखंड

टिहरी : पूर्व मंत्री दिनेश धनै ने की सरकार से ये बड़ी मांग, कही ये बड़ी बात

जन मुद्दों पर आक्रामक अंदाज में रहने वाले टिहरी के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री दिनेश धनै ने टिहरी के जंगलों में लगी आग को बुझाते समय पहाड़ी से गिरकर वन श्रमिक सतेन्द्र पंवार की मौत की घटना पर रोष जताते हुए धनै ने कहाँ की सतेन्द्र पंवार लामकोट ने राष्ट्रीय संपदा वन बचाने में अपना बलिदान देकर शहीद हुआ है। परंतु घटना पर वन विभाग लापरवाह बना हुआ हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को कम से कम 25 लाख मुवावजा और शहीद की पत्नी को नौकरी दें तांकि उनके बच्चों का भरण पोषण हो सके।इसके साथ ही उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाय। यहां बात आज उजपा के केंद्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री दिनेश धनै ने आज उजपा के केंद्रीय कार्यालय में पत्रकार वार्ता में कहीं धनै ने कहां कि दैनिक वन श्रमिकों की सुरक्षा व्यवस्था के लिये विभाग द्वारा कोई उपाय नहीं किए जाते है। उन्होंने कहा की वह सरकार से मांग करेंगे कि राष्ट्र की वन संपदा बचाने के दौरान जिन-जिन वन श्रमिकों की मौत हुई है, सरकार उनके परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता तथा उनके परिवार के एक व्यक्ति को वन विभाग में स्थाई नियुक्ति के साथ मृतक को शहीद का दर्जा दे। पूर्व मंत्री धनै ने इस संबंध में वन मंत्री सुबोध उनियाल को भी पत्र भेजा है। उन्होंने कहां की प्रदेश की भाजपा सरकार ने सरकार के सौ दिन पूरे होने का जश्न तो मनाया, लेकिन इन सौ दिनों में टिहरी विधानसभा में एक भी ऐसा कार्य नहीं हो जो यहां के जनप्रतिनिधि की उपलब्धि हो।धनै ने कहा कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की घोषणा के बावजूद डैम टॉप से 24 घण्टे आवागमन शुरू नहीं हो पाया और श्रीदेव सुमन विश्व विद्यालय का दीक्षांत समारोह तक टिहरी में नहीं हुआ है।

पूर्व मंत्री धनै ने सरकार व वन मंत्री की उस घोषणा का स्वागत किया है जिसमें लोगों को अपने निजी खेतों में पेड़ काटने की अनुमति दी गई है। इस अवसर पर प्रेस वार्ता में केंद्रीय उपाध्यक्ष गोविंद बिष्ट, पीआरओ बलबीर नेगी, सुशील बिष्ट परमजीत आदि मौजूद थे

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