उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र जुगरान ने शासन के अधिकारियों पर मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए हैं और सीएम से शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि शासन के अधिकारी प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
मामले की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा है कि फोर्टिस अस्पताल में कैथ लैब को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों ने पीपीपी मोड पर ब्लैक लिस्टेड कंपनी को ही टेंडर पास कर दिया है। उन्होंने कहा कि मेडिटेरेना नाम की कंपनी एक केरला बेस कंपनी है जो पहले चंडीगढ़ के पंचकूला में पीपीपी मोड पर काम कर रही थी जिसकी लापरवाही से 5 महीने में 24 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा है कि हार्ट का मामला बहुत ही संवेदनशील मामला होता है लेकिन शासन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने मिलीभगत के चलते इस बड़ी घटना को अंजाम दिया है और टेंडर पास करने से पूर्व कंपनी के बैकग्राउंड पर समीक्षा तक करनी जरूरी नहीं समझी। ऐसी स्थिति में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने इस विषय को रखा है।
वहीं पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश प्रवक्ता रवींद्र जुगरान को आश्वस्त करते हुए मामले की गंभीरता से जांच करने की बात कही है।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश के अंदर पहले से ही स्वास्थ्य की व्यवस्था चरमराई हुई है और जब इस तरह की घटना प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारियों की सामने आएंगी तो आप खुद समझ सकते हैं कि प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग किस दिशा में जा रहा है ।आखिरकार जनता के स्वास्थ्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ कब तक होता रहेगा?