टिहरी: जब पुलिस बनी परिवार, बुजुर्ग महिला ने थाना को कहा मायका, दिया दिल से आशीर्वाद, जानिए क्यों
टिहरी: जब पुलिस बनी परिवार, बुजुर्ग महिला ने थाना को कहा मायका, दिया दिल से आशीर्वाद, जानिए क्यों

टिहरी पुलिस बनी खोई बुजुर्ग महिला की आस, परिवार से ऐसे मिलाया।
जाते हुए बुजुर्ग महिला ने दिया पुलिस को आशीर्वाद । अपने बेटे से जाते हुए बोली जैसे अपने मायके आई थी ।
टिहरी पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि 13 दिसंबर की रात चंबा थाना क्षेत्र में रात्रि गश्त के दौरान पुरानी टिहरी कोटि मार्ग पर पुलिस को एक बुजुर्ग महिला करीब 75 वर्ष, अकेली और असहाय हालत में दिखाई दी।
महिला की मनोदशा ठीक नहीं लग रही थी और उनकी बात न तो समझ आ रही थी और न तो अपना सही पता बता पा रही थी और न ही यह स्पष्ट कर पा रही थी कि वह कहां से आई है। बस ये बता रही थी कि वो कैसे आई उसे नहीं पता।
थाना चम्बा पुलिस कर्मियों ने तुरंत महिला को थाना चम्बा में लाकर सबसे पहले खाना खिलाया और उसे विश्वास में लेकर शांतिपूर्वक बातचीत की। बातचीत के दौरान महिला ने बताया कि वह उत्तरकाशी की है और बनचौरा, उत्तरकाशी से अपनी बेटी के यह जाने के लिए एक टैक्सी में बैठी थी फिर न जाने कहा आ गई। गुमसुम हालत में वह लगातार पैदल चलती हुई टिहरी झील से होते हुए कोटि चंबा रोड में पहुंच गई थी। इस सूचना पर चंबा प्रभारी निरीक्षक विपिन बहुगुणा द्वारा रात्रि में ही उत्तरकाशी जनपद पुलिस को महिला का हुलिया बताकर रेडियो संदेश कराया गया और महिला की तस्वीर को वाट्सअप से प्रसारित कराया गया।
जिस पर उत्तरकाशी पुलिस की मदद से कुछ ही घंटों में पता चला कि यह महिला ग्राम धारकोट थाना धरासू उत्तरकाशी की रहने वाली है। उत्तरकाशी पुलिस ने महिला के पुत्र सूरज का मोबाइल नंबर प्राप्त कर उसे सूचना दी गई। सूचना मिलते ही सूरज अपनी माता को लेने उत्तरकाशी से आज थाना चंबा पर आया और अपनी मां को सकुशल देखकर पुलिस का आभार व्यक्त किया। बताया कि उसकी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। जिस कारण से इसे ही चली आई है।
टिहरी पुलिस की इस मानवीय पहल की पूरे क्षेत्र में सराहना हो रही है। बुजुर्गों और असहाय लोगों के प्रति ऐसी संवेदनशीलता पुलिस के प्रति आमजन का विश्वास बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हो रही है।



