उत्तराखंड

UKD के वरिष्ठ नेता और राज्य आंदोलनकारी दिवाकर भट्ट का निधन, राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर

UKD के वरिष्ठ नेता और राज्य आंदोलनकारी दिवाकर भट्ट का निधन, राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर

हरिद्वार। उत्तराखंड की राजनीति को नई दिशा देने वाले वरिष्ठ नेता, उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) के प्रमुख चेहरे और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट का आज हरिद्वार स्थित आवास पर निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे और लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और राज्य आंदोलनकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शोक व्यक्त करते हुए दिवाकर भट्ट को संघर्षशील नेता और प्रेरणा स्रोत बताया।

लंबी बीमारी के चलते ली अंतिम सांस

पिछले दस दिनों से दिवाकर भट्ट देहरादून के इंद्रेश महंत अस्पताल में भर्ती थे। चिकित्सकों ने उनकी स्थिति को गंभीर बताते हुए परिजनों को कल ही यह संकेत दे दिया था कि सुधार की संभावना बेहद कम है। इसके बाद परिवार उन्हें डिस्चार्ज कराकर हरिद्वार लाया, जहां आज उन्होंने अंतिम सांस ली।

राज्य आंदोलन के ‘फील्ड मार्शल’

दिवाकर भट्ट उत्तराखंड राज्य आंदोलन के उन प्रमुख चेहरों में शामिल रहे, जिन्होंने 1970–80 के दशक में अलग राज्य की मांग को जनता की आवाज बनाया। पहाड़ी क्षेत्रों के अधिकारों, पलायन, कृषि संकट और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर वे हमेशा मुखर रहे।

आंदोलन में उनके नेतृत्व और संघर्ष के कारण ही उन्हें ‘फील्ड मार्शल’ कहा जाता था।

UKD की स्थापना के शुरुआती दौर से जुड़े दिवाकर भट्ट पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष भी रहे। 1999 से 2003 तक उन्होंने पार्टी की कमान संभाली और राज्य गठन के बाद क्षेत्रीय मुद्दों को मजबूती से उठाया।

राजनीतिक सफर: विधायक से कैबिनेट मंत्री तक

दिवाकर भट्ट ने 2002 और 2007 में देवप्रयाग विधानसभा सीट से UKD के टिकट पर चुनाव लड़ा। वर्ष 2007 में उन्हें सफलता मिली और वे विधायक बने। 2007–2012 की भाजपा  सरकार में उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया।

बाद में वे भाजपा में शामिल हुए, लेकिन 2017 में उन्होंने दोबारा UKD का दामन थाम लिया। 2022 में वे फिर देवप्रयाग से चुनावी मैदान में उतरे, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

राजनीति और समाज में क्षति की भावना

UKD ने उनके निधन को पार्टी के लिए “अपूरणीय क्षति” बताया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि दिवाकर भट्ट का योगदान उत्तराखंड की राजनीतिक चेतना की नींव है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स (ट्विटर) पर शोक संदेश जारी करते हुए लिखा—

वरिष्ठ नेता दिवाकर भट्ट जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिजनों को इस दुख को सहने की शक्ति दें।

हरिद्वार में होगा अंतिम संस्कार

परिजनों के अनुसार, दिवाकर भट्ट का पार्थिव शरीर हरिद्वार में ही अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा। राज्यभर से नेता और आंदोलनकारी उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचने की संभावना है।

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