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बड़ी खबर : दिल और डायबिटीज की जंग में जुटे डॉक्टर, एम्स ऋषिकेश में शोध और उपचार पर हुआ गहन मंथन

बड़ी खबर : दिल और डायबिटीज की जंग में जुटे डॉक्टर, एम्स ऋषिकेश में शोध और उपचार पर हुआ गहन मंथन

– कार्डियोडायबेटिक रोगों से निपटने के लिए जन जागरूकता और अनुसंधान जरूरी 

– एम्स में कार्डियो डायबिटिक सोसाइटी का छठवें अधिवेशन का समापन 

एम्स ऋषिकेश में आयोजित कार्डियोडायबेटिक सोसाइटी का छठवां वार्षिक सम्मेलन ’मेडिसिन अपडेट’ का समापन हो गया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में मधुमेह रोगियों के लिए चिकित्सा, शोध और उपचार पर व्यापक मंथन किया गया। चिकित्सा विशेषज्ञों ने कार्डियोडायबेटिक रोगों से निपटने के लिए जन-जागरूकता, अनुसंधान और समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता जतायी। 

सम्मेलन के अंतिम दिवस पर देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से आए वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञों ने कार्डियोडायबेटिक रोगों से संबंधित नवीन शोध और उपचार पद्धतियों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए। एम्स ऋषिकेश की कार्डियोलोजिस्ट प्रोफेसर (डॉ.) भानु दुग्गल ने “मधुमेह रोगियों में वेंट्रिकुलर डिसफंक्शन” विषय पर अपना व्याख्यान दिया, जबकि डॉ. संदीप सूरी ने “डायबिटिक परिधीय न्यूरोपैथी प्रयोगशाला से रोगी तक” विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। सम्मेलन में चिकित्सा विशेषज्ञों ने “मधुमेह रोगियों में नाभिकीय इमेजिंग” पर भी शैक्षणिक चर्चा की। इससे प्रतिभागियों को कार्डियोडायबेटिक रोगों की बेहतर समझ विकसित करने में विशेष अनुभव हासिल हुआ। सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष और एम्स ऋषिकेश में जनरल मेडिसिन के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) रवि कांत ने अपने संबोधन में कहा कि इस सम्मेलन ने चिकित्सा समुदाय में नई ऊर्जा और सोच का संचार किया है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान अलग-अलग दिनों में विविध शैक्षणिक और प्रतिस्पर्धात्मक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। जिनमें शोध पत्र प्रस्तुतीकरण, पोस्टर प्रस्तुतीकरण, केस प्रस्तुतीकरण पुरस्कार तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आदि गतिविधियां शामिल थीं। डाॅ. रविकांत ने बताया कि यह सम्मेलन कार्डियोडायबेटिक क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और सामाजिक जागरूकता के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण रहा। 

उल्लेखनीय है कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन की विभिन्न गतिविधियों में देशभर के मेडिकल छात्रों और चिकित्सकों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया और इस क्षेत्र का अनुभव हासिल किया। चिकित्सा विशेषज्ञों, वक्ताओं और प्रतिभागियों ने आवश्यकता जतायी कि कार्डियोडायबेटिक रोगों से निपटने के लिए जन-जागरूकता, अनुसंधान और समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। कार्यक्रम को अलग-अलग क्षेत्रों से आए चिकित्सा विशेषज्ञों के अलावा डॉ. प्रकाश तेंडुलकर, डॉ. वेंकटेश एस. पाई, डॉ. मुकेश बैरवा और डॉ. अनिरुद्ध मुखर्जी सहित डॉ. दराब सिंह, डॉ. अखिलेश, डॉ. प्रकाश आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान डॉ. अनीश, डॉ. अनुशका, डॉ. मुदिता, डॉ. गगन, डॉ. धीरज, डॉ. शौर्य, डॉ. कशिश, डॉ. शीतल, डॉ. कोमल, डॉ. अमित, डॉ. युधांशु सहित विभिन्न चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल काॅलेज के प्रतिनिधि शामिल रहे।

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