टिहरी : जहाँ परंपरा बोलती है सुरों में: पांडव नृत्य देखना है तो पहुँचिए खेत गांव, प्रतापनगर
टिहरी : जहाँ परंपरा बोलती है सुरों में: पांडव नृत्य देखना है तो पहुँचिए खेत गांव, प्रतापनगर

टिहरी जिले के प्रतापनगर तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत खेत/दुलियाब में क्षेत्र की प्राचीन लोक परंपरा ‘पांडव नृत्य’ का आज पांचवां दिन है ।उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा यह धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन 22 अक्टूबर से प्रारंभ होकर नौ दिनों तक चलेगा।
बीती रात यानी चौथी रात्रि को आयोजन स्थल पर जिला पंचायत सदस्य श्रीमती लक्ष्मी पंवार ने विशेष रूप से शिरकत की। उन्होंने ग्रामवासियों के साथ पारंपरिक नृत्य और गीतों का आनंद लिया तथा इस आयोजन को लोक संस्कृति की सजीव धरोहर बताया।
श्रीमती पंवार ने कहा कि, “पांडव नृत्य जैसी परंपराएं हमारे समाज की जड़ों को मजबूत करती हैं। इससे गांव में सुख-समृद्धि तो आती ही है, साथ ही आपसी भाईचारा, एकता और सांस्कृतिक चेतना भी प्रबल होती है। आने वाली पीढ़ियों को इन परंपराओं से जोड़ना हम सबकी जिम्मेदारी है।
ग्राम प्रधान जयसिंह मिश्रवाण ने बताया कि पांडव नृत्य क्षेत्र की आस्था और लोक संस्कृति का प्रतीक है, जो हर तीन वर्ष में पूरे गांव की सहभागिता से संपन्न होता है। उन्होंने बताया कि आयोजन के दौरान पांडवों की वीर गाथाएं, धार्मिक प्रसंगों की झलकियां और लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां श्रद्धालुओं को प्राचीन परंपराओं से जोड़ती हैं।
उन्होंने कहा कि इस आयोजन में न केवल ग्रामवासी, बल्कि आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। ग्राम प्रधान ने गांव से बाहर रह रहे प्रवासी व नौकरीपेशा ग्रामीणों से भी इस पारंपरिक उत्सव में शामिल होने की अपील की, ताकि सामूहिक एकता और सांस्कृतिक गौरव को और बल मिले।
जिला पंचायत सदस्य श्रीमती लक्ष्मी पंवार ने कहा की ऐसे आयोजनों से ग्रामीण जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सांस्कृतिक गौरव और सामाजिक समरसता का संचार होता हैं।



