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बड़ी खबर : रौलाकोट के ग्रामीणों का टिहरी पुनर्वास कार्यालय के बाहर धरना, टीएचडीसी अधिकारियों को हटाने की मांग पर अड़े

बड़ी खबर : रौलाकोट के ग्रामीणों का टिहरी पुनर्वास कार्यालय के बाहर धरना, टीएचडीसी अधिकारियों को हटाने की मांग पर अड़े

टिहरी। रौलाकोट के ग्रामीणों ने सोमवार को टिहरी पुनर्वास कार्यालय के बाहर विस्थापन से जुड़ी समस्याओं को लेकर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। ग्रामीण टीएचडीसी के वरिष्ठ प्रबंधक शक्ति चमोली और उप महा प्रबंधक राकेश थपलियाल को हटाने की मांग पर अड़े रहे। ग्रामीणों ने पुनर्वास विभाग पर मनमानी और अनदेखी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की।

धरना स्थल पर पहुंचे टिहरी एसडीएम संदीप कुमार ने ग्रामीणों से वार्ता की और आश्वासन दिया कि संबंधित विभाग के साथ ग्रामीणों की बिंदुवार मांगों पर चर्चा कर रिपोर्ट पुनर्वास निदेशक को सौंपी जाएगी।

ग्रामीण ममता देवी ने बताया कि “हमारा गांव 90% डूब क्षेत्र में आ गया है, जबकि 10% लोगों को बिना कारण छोड़ा गया है। रोज़ हम पुनर्वास कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। हमने पहले भी टीएचडीसी कार्यालय में धरना दिया था, मगर समाधान नहीं हुआ। या तो हमें हमारी जमीन वापस दी जाए या फिर विस्थापित किया जाए।”

इसी तरह, ग्रामीण नीलम देवी ने कहा कि “हमने सभी जरूरी कागजात एसडीएम और पटवारी से सत्यापित कर पुनर्वास विभाग में जमा किए हैं, लेकिन हर बार हमें टाल दिया जाता है। हमारे परिवार के पांच भाइयों में दो का पुनर्वास हो चुका है, जबकि तीन को छोड़ दिया गया है। हम बार-बार चक्कर काट रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।”

ग्रामीणों की प्रमुख मांगें —

1. ऋषिकेश के प्रतीतनगर रायवाला में कृषि भूखंडों का शीघ्र विकास किया जाए।

2. देहरादून के केदारपुरम और देहराखास में आवासीय भूखंडों पर बिजली, पानी, सीवर, सड़क और सुरक्षा की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

3. रौलाकोट के शेष परिवारों को पुनर्वास पात्रता में शामिल किया जाए।

4. पेड़ों और मकानों का बकाया भुगतान किया जाए।

5. शेष परिवारों को विस्थापित क्षेत्रों में शीघ्र कब्जा दिलाया जाए।

6. वरिष्ठ प्रबंधक शक्ति चमोली और उप महा प्रबंधक राकेश थपलियाल को पुनर्वास विभाग से हटाया जाए।

7. ग्रामीणों को बार-बार चक्कर कटवाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

8. विस्थापित भूखंडों पर नक्शा पास करवाने में MDDA से छूट दिलवाई जाए।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।

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