टिहरी : गंगी गांव में पारंपरिक भेड़ कोथिक मेला, सोमेश्वर महादेव के चरणों में हुई भेड़-बकरियों की परिक्रमा
टिहरी : गंगी गांव में पारंपरिक भेड़ कोथिक मेला, सोमेश्वर महादेव के चरणों में हुई भेड़-बकरियों की परिक्रमा

टिहरी गढ़वाल। विकासखंड भिलंगना के सीमांत गांव गंगी में पारंपरिक त्रिवार्षिक भेड़ कोथिक मेला श्रद्धा और उल्लास के साथ शुरू हुआ। इस अवसर पर ग्रामीणों ने बुग्यालों से लौटाई गई अपनी भेड़-बकरियों को सोमेश्वर महादेव मंदिर में परिक्रमा कराई। मान्यता है कि इस अनुष्ठान से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है और गांव में सुख-समृद्धि एवं खुशहाली बनी रहती है।
गंगी का भेड़ कौथिग एक अनोखा और प्राचीन मेला है, जो हर तीन साल में आयोजित होता है। परंपरा के अनुसार, पशुपालक अपनी भेड़-बकरियों की कुशलता और यश की कामना करते हैं। मेले में ग्रामीण पारंपरिक वेशभूषा में झुमैलो नृत्य प्रस्तुत कर अपनी संस्कृति को जीवित रखते हैं।
विशेष आकर्षण
इस वर्ष लगातार बारिश के कारण मेला गेंवाली गांव की जगह गंगी में ही आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह ने ग्रामीणों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि परंपराओं से ही संस्कृति जीवित रहती है और इस तरह के आयोजन समाज को एकजुट करने का कार्य करते हैं।
विधायक शाह ने गंगी गांव के विकास को लेकर कई घोषणाएं भी कीं। उन्होंने बताया कि सड़क और बिजली की सुविधा मिलने के बाद जल्द ही गंगी संचार सेवाओं से भी जुड़ जाएगा। साथ ही उन्होंने गंगी को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने और गांव के पांडव चौक के सौंदर्यीकरण की भी घोषणा की।
गांव की तरक्की पर चर्चा
नव निर्वाचित ब्लॉक प्रमुख राजीव कंडारी ने भी मेले में शिरकत की। उन्होंने कहा कि गंगी और आसपास के क्षेत्र को पर्यटन और उद्योग का नया केंद्र बनाया जाएगा। साथ ही सेब की खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
संस्कृति और श्रद्धा का संगम
गंगी में आयोजित इस भेड़ कोथिक मेले में ग्रामीणों ने पारंपरिक गीत-संगीत और झुमैलो नृत्य के साथ भागीदारी निभाई। पूरे गांव में आस्था, उल्लास और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिला।