टिहरी : चारधाम यात्रा में नकदी की नहीं अब कोई चिंता, टिहरी सहकारी बैंक की मोबाइल एटीएम वैन पहुंची यात्रियों के करीब
टिहरी : चारधाम यात्रा में नकदी की नहीं अब कोई चिंता, टिहरी सहकारी बैंक की मोबाइल एटीएम वैन पहुंची यात्रियों के करीब

चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों को नकदी संकट से निजात दिलाने के लिए टिहरी गढ़वाल जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, टिहरी ने एक अभिनव पहल करते हुए मोबाइल एटीएम वैन सेवा शुरू की है। यह सेवा विशेष रूप से उन स्थानों पर संचालित की जा रही है जहां पर पारंपरिक एटीएम उपलब्ध नहीं हैं या इंटरनेट कनेक्टिविटी के अभाव में वे कार्य नहीं कर पा रहे।
बैंक की यह पहल उत्तराखण्ड सहकारिता विभाग एवं नाबार्ड के सहयोग से की गई है, जिसका उद्देश्य है कि कोई भी श्रद्धालु या सैलानी कैश की कमी के कारण असुविधा का सामना न करे।
चारधाम यात्रा और पर्यटक स्थलों को किया गया कवर
मोबाइल एटीएम वैन को देवप्रयाग, कीर्तिनगर, चम्बा, खाड़ी, आगराखाल, धनोल्टी और कोटी कॉलोनी जैसे प्रमुख यात्रा मार्गों और पर्यटक स्थलों पर तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त बैंक की योजना है कि यह वैन जिले के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों तक भी पहुंचे ताकि स्थानीय ग्रामीणों को भी नकदी संबंधी सुविधाएं प्राप्त हो सकें।
बैंक का उद्देश्य: हर यात्री तक सुविधा पहुंचे
टिहरी गढ़वाल जिला सहकारी बैंक के सचिव/महाप्रबंधक ने जानकारी देते हुए बताया, की हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पर्वतीय क्षेत्रों में बैंकिंग और एटीएम की सीमित पहुंच के बावजूद श्रद्धालुओं, सैलानियों और स्थानीय नागरिकों को किसी भी प्रकार की नकदी समस्या का सामना न करना पड़े। यह सेवा न केवल यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।
यात्रियों में दिखा उत्साह, हो रही सराहना
मोबाइल एटीएम वैन के कारण श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। कई यात्रियों ने बताया कि दूरस्थ क्षेत्रों में भी नकदी उपलब्ध होना यात्रा के दौरान एक बड़ी राहत है।
स्थानीय दुकानदारों और व्यवसायियों ने भी इस सेवा की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे उनका व्यवसाय और ग्राहकों से लेन-देन आसान हुआ है।
सरकारी दृष्टिकोण: डिजिटल और सुगम यात्रा की दिशा में कदम
राज्य सरकार के पर्यटन और सहकारिता विभाग की मंशा है कि चारधाम यात्रा को एक सुरक्षित, सुगम और डिजिटल अनुभव बनाया जाए। इस दिशा में टिहरी गढ़वाल जिला सहकारी बैंक की यह पहल एक मॉडल परियोजना के रूप में देखी जा रही है, जिसकी सफलता के आधार पर भविष्य में अन्य जिलों में भी इस योजना को लागू किया जा सकता है।