चंबा : चुनाव का रोमांच चरम पर, प्रीति पंवार ने भाजपा-कांग्रेस की बढ़ाई टेंशन
चंबा : चुनाव का रोमांच चरम पर, प्रीति पंवार ने भाजपा-कांग्रेस की बढ़ाई टेंशन
(मुकेश रतूडी) चंबा नगर पालिका के चुनाव इस बार खासे दिलचस्प हो गए हैं। भाजपा की शोभनी धनोला, कांग्रेस की बीना नेगी और निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति पंवार के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है। प्रीति पंवार के चुनावी मैदान में उतरने से सियासी हलकों में हलचल मच गई है। प्रीति, पूर्व पालिकाध्यक्ष विक्रम सिंह पंवार की बहू हैं, जो चंबा में अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
विक्रम पंवार की विरासत को आगे बढ़ाने की तैयारी
विक्रम पंवार, जो पहले चंबा नगर पालिका के पालिकाध्यक्ष रह चुके हैं, ने नगर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। पार्किंग निर्माण, सड़कों की मरम्मत, डामरीकरण, और हर-घर कूड़ा उठाने की योजनाएं उनके कार्यकाल की उपलब्धियां रहीं। इस बार, ओबीसी महिला के लिए सीट आरक्षित होने के कारण उन्होंने अपनी बहू प्रीति पंवार को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा।
प्रीति पंवार का एजेंडा
प्रीति पंवार ने अपनी ससुर की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है। वह चंबा की जनता को मूलभूत समस्याओं से निजात दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनके एजेंडे में अधूरी पार्किंग परियोजनाओं को पूरा करना, सीवर लाइन बिछाना, सोलर स्ट्रीट लाइट्स लगाना, और विभिन्न वार्डों में 3डी एनीमेशन पार्क, योगा और आध्यात्मिक पार्क का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, आवारा पशुओं और बंदरों की समस्या का समाधान भी उनकी प्राथमिकता में है।
जनता के लिए विकास का वादा
प्रीति पंवार का कहना है कि चंबा की जनता का आशीर्वाद मिला तो नगर को एक आदर्श नगर पालिका के रूप में विकसित किया जाएगा। पूर्व पालिकाध्यक्ष विक्रम पंवार ने भी अपनी बहू के समर्थन में कहा कि प्रीति एक शिक्षित और प्रशिक्षित महिला हैं, जो नगर के विकास के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं।
त्रिकोणीय मुकाबले ने बढ़ाई चुनावी सरगर्मी
चंबा नगर पालिका चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला नहीं, बल्कि त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलेगा। निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति पंवार के मैदान में आने से भाजपा और कांग्रेस दोनों को कड़ी चुनौती मिल सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुकाबला चंबा की राजनीति में नई दिशा तय करेगा।
चंबा नगर पालिका का यह चुनाव विकास और विरासत की राजनीति के बीच एक रोचक मुकाबला साबित होगा। जनता किसे अपना समर्थन देती है, यह देखना दिलचस्प होगा। अब यह देखना बाकी है कि प्रीति पंवार अपनी ससुर की विरासत को कितनी प्रभावी तरीके से आगे बढ़ा पाती हैं और जनता उनके एजेंडे पर कितना विश्वास करती है।