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चंबा नगर पालिका चुनाव, कांग्रेस का गढ़ तोड़ने के लिए भाजपा की बड़ी चुनौती, त्रिकोणीय मुकाबले के आसार

चंबा नगर पालिका चुनाव, कांग्रेस का गढ़ तोड़ने के लिए भाजपा की बड़ी चुनौती, त्रिकोणीय मुकाबले के आसार

चंबा। (मुकेश रतूडी) टिहरी जिले की प्रमुख व्यावसायिक नगरी चंबा में इस बार के नगर पालिका चुनाव बेहद दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण होने की उम्मीद है। 1992 में गठित नगर पंचायत चंबा को 2017-18 में नगर पालिका में अपग्रेड किया गया था। चारधाम यात्रा का महत्वपूर्ण केंद्र होने के बावजूद यह नगर कई समस्याओं से जूझ रहा है।

राजनीतिक दृष्टिकोण से चंबा हमेशा से कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है। अब तक हुए सभी चुनावों में या तो कांग्रेस के प्रत्याशी या उनके बागी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। भाजपा के लिए यह सीट एक तिलिस्म साबित हुई है, जिसे तोड़ना इस बार उसकी सबसे बड़ी चुनौती है।

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कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर

इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने स्थानीय व्यवसायी की पत्नी बीना नेगी को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने अपनी वरिष्ठ कार्यकर्ता शोभनी धनोला को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस की ओर से आत्मविश्वास भरे दावे किए जा रहे हैं कि इस बार भी वे चंबा में परचम लहराएंगे। वहीं, भाजपा का मानना है कि चंबा की जनता बदलाव के मूड में है और उन्हें जीत का मौका मिलेगा।

त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना

चुनाव के समीकरणों को देखते हुए यह साफ है कि मुकाबला सिर्फ कांग्रेस और भाजपा के बीच नहीं है। कांग्रेस की बागी प्रीति पंवार भी मैदान में हैं, जिससे त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार का मुकाबला टाइट होगा और अंतिम परिणाम चौंकाने वाला हो सकता है।

 कुल मतदाता 10,756 

चंबा नगर पालिका चुनाव में कुल 10,756 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 5,025 महिलाएं, 5,730 पुरुष, और एक थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। 9 वार्डों में फैले इस नगर में विकास की गति को लेकर जनता में नाराजगी भी देखी जा रही है।

चुनौतियों का पहाड़

चंबा नगर पालिका क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं में ट्रैफिक व्यवस्था, कूड़ा निस्तारण, जाम, बदहाल सड़कें, नालियों की समस्याएं, साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट, पार्किंग, और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी शामिल हैं। अनियोजित विकास भी एक बड़ी चुनौती है, जिसे आगामी बोर्ड के सामने प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने की जरूरत होगी।

क्या कहती हैं पार्टियां?

कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा का कहना है कि उनकी पार्टी चंबा में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है। वहीं, भाजपा के जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल ने दावा किया कि जनता बदलाव के लिए तैयार है और इस बार चंबा में भाजपा का परचम लहराएगा।

अब देखना होगा कि 25 जनवरी को मतगणना के बाद चंबा की जनता किसे अपना नया नेतृत्व सौंपती है और क्या भाजपा कांग्रेस के इस किले को फतह कर पाती है।

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