टिहरी जिले में करवा चौथ का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
टिहरी जिले में करवा चौथ का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

टिहरी जिले में करवा चौथ का पवित्र पर्व परंपरागत रीति-रिवाजों और उल्लास के साथ मनाया गया। जिले भर में सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए पूरे दिन निर्जल व्रत रखा। सुबह से ही महिलाओं में उत्साह देखने को मिला, जब वे सोलह श्रृंगार कर, अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सज-धज कर तैयार हुईं।
शाम को व्रत रखने वाली महिलाएं समूहों में एकत्रित हुईं और पूजा अर्चना की। महिलाओं ने करवा चौथ की कथा सुनकर, एक-दूसरे के साथ त्योहार का आनंद साझा किया। जैसे ही चंद्रमा का उदय हुआ, महिलाओं ने चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने व्रत का समापन किया। पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ा, जिसके बाद सभी ने एक-दूसरे को बधाई दी और मिठाइयां बांटी।
इस पर्व के दौरान बाजारों में भी रौनक देखने को मिली, जहां पूजा की थाली, मेहंदी, साड़ियां और अन्य सुहाग की वस्तुएं बिकने के लिए सजाई गईं। टिहरी के विभिन्न इलाकों में मंदिरों और घरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन भी किया गया, जिससे पूरे जिले में भक्तिमय माहौल बना रहा।
करवा चौथ का पर्व परिवारिक एकता और प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया गया, जिसमें पतियों और पत्नियों के बीच आपसी स्नेह और समर्पण की भावना को और प्रगाढ़ किया।