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कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने किया ऑक्सफोर्ड ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट, हरिद्वार का औचक निरीक्षण

कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने किया ऑक्सफोर्ड ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट, हरिद्वार का औचक निरीक्षण

श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने आज विश्वविद्यालय से सम्बद्ध ऑक्सफोर्ड ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट, रोशनाबाद का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कुलपति ने संस्थान में संचालित शैक्षणिक गतिविधियों की गहन समीक्षा की और छात्र-छात्राओं से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं एवं सुझावों को सुना।

संस्थान में बीए, बीकॉम, बीकॉम ऑनर्स, बीएससी और बीएससी कंप्यूटर साइंस जैसे कई महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। निरीक्षण के दौरान, कुलपति ने फैकल्टी सदस्यों और छात्रों से अलग-अलग बातचीत की और उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा के उन्नयन के लिए कार्य करने के निर्देश दिए।

कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

कुलपति ने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी सम्बद्ध संस्थान में विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार व्यवस्थाएं नहीं पाई जाती हैं, तो उस संस्थान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि सभी संस्थान उच्च शिक्षा के मानकों का पालन करें और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें।

उद्योगों से साझेदारी और प्लेसमेंट पर जोर

कुलपति प्रो. जोशी ने फैकल्टी को निर्देश दिया कि वे छात्रों के लिए उद्योगों के साथ अधिक से अधिक प्लेसमेंट अवसर और समझौता ज्ञापन (MoU) की दिशा में काम करें, खासकर रोशनाबाद क्षेत्र के औद्योगिक महत्व को देखते हुए। साथ ही, उन्होंने समय-समय पर सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन कर छात्रों को व्यावसायिक ज्ञान और कौशल से लैस करने पर भी जोर दिया।

छात्रों को प्रेरित किया लक्ष्य निर्धारण के लिए

प्रो. जोशी ने छात्रों को अपने जीवन में स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने और उसे प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा सिर्फ ज्ञान अर्जन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह जीवन में सफलता और लक्ष्य प्राप्ति का मार्ग भी है।

संस्थान में फैकल्टी और छात्र-छात्राओं से संवाद

निरीक्षण के दौरान, कुलपति ने संस्थान के शिक्षकों से भी बातचीत की और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शैक्षणिक योजनाओं को लागू करने पर विशेष जोर दिया।

कुलपति के इस औचक निरीक्षण को उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और संस्थानों में बेहतर शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

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