टिहरी : बांध विस्थापितों की मांगों को लेकर बलदेव कुमाईं का जल समाधि का ऐलान, प्रशासन के आश्वासन के बाद धरना समाप्त
टिहरी : बांध विस्थापितों की मांगों को लेकर बलदेव कुमाईं का जल समाधि का ऐलान, प्रशासन के आश्वासन के बाद धरना समाप्त
कण्डीसौड़: टिहरी बांध विस्थापितों और प्रभावितों की समस्याओं के समाधान के लिए सामाजिक कार्यकर्ता बलदेव सिंह कुमाईं ने जल समाधि की घोषणा की। उन्होंने सोमवार को झील किनारे भणेती सेरा में सुबह 11 बजे से धरना शुरू किया। यह धरना जिलाधिकारी से वार्ता के आश्वासन के बाद दोपहर 2 बजे समाप्त हुआ।
बलदेव सिंह कुमाईं की प्रमुख मांगों में रिवर्स पलायन, टिहरी बांध झील पर पर्यटन गतिविधियों का समान विस्तार, स्थानीय लोगों को पर्यटन गतिविधि ऋण के लिए सरकारी गारंटी, पलायन रोकने के लिए रोजगार के अवसर, मजबूत स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था, टिहरी बांध प्रभावित क्षेत्रों में नि:शुल्क बिजली और पानी की सुविधा, और हनुमंत राव समिति की सिफारिशों को लागू करना शामिल था।
धरने के दौरान बलदेव कुमाईं ने कहा कि टिहरी बांध विस्थापितों और प्रभावितों को निरंतर झूठे आश्वासन देकर छला जा रहा है। धरातल पर परिस्थितियों को देखकर कोई नीति नहीं बनाई जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पर्यटन से रोजगार वाली नीतियां केवल धनवान लोगों के लिए बनाई जा रही हैं, जिससे पहाड़ की भूमि और पर्यटन उद्योग पर बाहरी लोगों का कब्जा होता जा रहा है।
धरना स्थल पर थाना छाम पुलिस और एसडीआरएफ भी तुरंत पहुंच गए। तहसीलदार प्रतापनगर राजकुमार शर्मा और राजस्व उप-निरीक्षक राणा ने मौके पर पहुंचकर बताया कि उनकी मांगों का निस्तारण शासन स्तरीय है और इसे जिलाधिकारी महोदय द्वारा शासन को प्रेषित कर दिया गया है। काफी बहस के बाद तहसीलदार ने लिखित आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर उनकी जिलाधिकारी से वार्ता कराई जाएगी। इस आश्वासन के बाद बलदेव कुमाईं ने जल समाधि की घोषणा स्थगित कर दी और धरना समाप्त कर दिया।
इस धरने में बलदेव कुमाईं के समर्थन में जगदीप चौहान, चिरंजी लाल उनियाल, सुमित चौहान, उदय पडियार, शिवांश नौटियाल, गम्भीर सिंह राणा, जयेन्द्र राणा, मनवीर पडियार, महेन्द्र पडियार आदि शामिल थे। इस अवसर पर ग्राम प्रधान सुरेश नौटियाल, तहसीलदार प्रतापनगर राजकुमार शर्मा, थानाध्यक्ष छाम सुखपाल मान, एसआई टीकम सिंह चौहान, किशन देवरानी, एएसआई जुगल किशोर भट्ट, और एसडीआरएफ टीम भी मौजूद रही।
प्रशासन और पुलिस ने धरना समाप्त होने पर राहत की सांस ली और आशा व्यक्त की कि जल्द ही इन समस्याओं का समाधान होगा।