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टिहरी : विश्वविद्यालय में बड़ी प्रशासनिक कार्यवाही: कुलपति प्रो. एन.के. जोशी का कठोर निर्णय, जानिए क्या है मामला

टिहरी : विश्वविद्यालय में बड़ी प्रशासनिक कार्यवाही: कुलपति प्रो. एन.के. जोशी का कठोर निर्णय, जानिए क्या है मामला

दिनांक 26 जून 2024 को माननीय सूचना आयोग द्वारा दिये गये निर्णय के आधार पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने कड़े और महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। 

 प्रमुख निर्णय:

1. *परीक्षा नियन्त्रक प्रो. वी.पी. श्रीवास्तव का कार्यमुक्ति:*

   विश्वविद्यालय के परीक्षा नियन्त्रक प्रो. वी.पी. श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटा दिया गया है। 

2. **नया परीक्षा नियन्त्रक नियुक्त:**

   प्रो. चतर सिंह नेगी, वाणिज्य संकाय परिसर ऋषिकेश को अग्रिम आदेशों तक नया परीक्षा नियन्त्रक नियुक्त किया गया है।

3. **मूल्यांकनकर्ता परीक्षकों पर कड़ी कार्यवाही:**

   जिन मूल्यांकनकर्ता परीक्षकों ने अनियमित कार्य किये हैं, उन्हें आगामी 10 वर्षों के लिए विश्वविद्यालय के सभी कार्यों से प्रतिबन्धित (Debar) किया गया है। साथ ही, इनके विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही हेतु निदेशक, उच्च शिक्षा को पत्र भेजा गया है। परीक्षकों की मूल्यांकन सम्बन्धी चूक की जांच और दायित्व निर्धारण के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है।

4. **नया उपकुलसचिव और लोक सूचना अधिकारी नियुक्त:**

   डॉ. राकेश कुमार जोशी, रसायन विभाग, परिसर ऋषिकेश को उपकुलसचिव के रिक्त पद का कार्यभार सौंपा गया है। साथ ही, वर्तमान लोक सूचना अधिकारी को कार्यमुक्त करते हुए डॉ. राकेश जोशी को लोक सूचना अधिकारी का दायित्व भी दिया गया है।

5. **सूचना न दिये जाने के कारणों की जांच:**

   विश्वविद्यालय स्तर पर अनुरोधकर्ता को समय पर सूचना न देने के कारणों और लापरवाही की जांच एवं दायित्व निर्धारण हेतु उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो 15 दिनों के भीतर अपनी जांच आख्या कुलपति को सौंपेगी।

 प्रो. जोशी का बयान:

प्रो. एन.के. जोशी ने विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों पर बताया कि यह प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं था और विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा अवगत नहीं कराया गया था। इस प्रकरण पर कड़ी कार्यवाही करते हुए निर्णय लिये गये हैं। 

 विश्वविद्यालय की कार्यशैली में सुधार:

प्रो. जोशी ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय की कार्यशैली सुधारने, पारदर्शिता और सुचिता बनाये रखने हेतु भविष्य में भी समय-समय पर सख्त कार्यवाहियां अमल में लायी जाती रहेंगी।

यह निर्णय विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार लाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। कुलपति प्रो. एन.के. जोशी के इस निर्णय से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ढांचे में एक नई दिशा की उम्मीद है।

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